Published on December 22, 2020
येह आप के ऐनक के पीछे जो बाकी रह गए सपने हैं;
वोह तो आपने हमारी हकीकत का आयना बना कर सजा दिए!
येह आपके चहेरे की जो लकीरें हैं;
बचपनमैं आपने लिखी हमारी सक्सेस की pass book है!
हमें पता हैं, आसान नहीं था। पर हमारे लिए करना था तो आसान हो गया।
घर, परिवार, दोस्त सब पीछे छोड़ कर इस अजनबी देश को अपना मुकाम बना लिया!
आपके हाथ भी क्या कमाल है! कभी उंगलिया पकड़ कर हमें चलना सिखाते थे।
गिरकर उठना सिखाते थे। पंख लगाकर उड़ना सिखाते थ।
और आज जब हम सिख लिए तो खुद चुपचाप जुड़कर हमारी सलामती की दुआएं करते है!
हम आपको क्या mouse पर उंगलिया चलाना सिखाएंगे;
आपकी ऊँगली पकड़ कर तो यहाँ तक आए हैं!
हम तो आपसे पापड़ और आचार बनाना नहीं सिख पाए!
और आप कैसे येह WhatsApp, Facebook or Zoom और सिख लिए!
Simple है ना! हमारे लिए!
Pizza और Manchurian तो हम अब To-Go करते है!
आपके हाथो से बने सब्ज़ी-रोटी के बल पर ही आज डट कर खड़े है!
येह आज कल leisure walk करते आप के पैर, जवानीमें कितने मीलों चले होंगे;
हमें चलना सिखाते सिखाते खुद बखुद दौड़ना सिख गए होंगे!
हर दम हँसते-हँसते खुद को खाली करते गए, हमें भरने के लिए!
तब तो नासमज थे। समज तब आई जब खुद माँ-बाप बन गए!
यार, आप भी अजीब हो!
सही-गलत समजाते रहे, डांटते रहे, कभी सजा भी दी, बिना मायूस हुए;
जब आपके बालो वाली सफेदी हमारे बालो मैं झांखने लगी;
तब समज आया की वोह तो आपका प्यार और फ़िक्र ही थी!
जब आपकी जवानी थी; हमारा बचपन थ।
जब आपकी ख्वाहिशे थी; हमारे सपने बुने जा रहे थे।
जब आपके ज़मीरमें सबसे ज्यादा जोश था; हमारी परवरिश की भागादौड़ी थी!
क़र्ज़ नहीं चुकाएंगे; क्यूंकि चूका सकते नहीं।
बस आपकी आँखों मैं सुकून और चहेरे पे हंसी कायम रखेंगे।
क्यूंकि आपसे ही हैं रोशन हमारा जहाँ!
हाँ आपसे ही हैं रोशन हमारा जहाँ!